कालाष्टमी के दिन करें बटुक भैरव कवच का पाठ, मनचाही सिद्धियों की होती है प्राप्ति डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् मे सर्वतः प्रभुः। मियन्ते साधका येन विना श्मशानभूमिषु। श्रृंगी सलिलवज्रेषु ज्वरादिव्याधि यह्निषु ।। The sadhak life such as the lifetime of Kubera and will become triumphant just about everywhere. The https://www.youtube.com/watch?v=pMcH9t4uLqs